Friday, 27 September 2013

Bad Boy : सिलवटे पड़ी है...

Bad Boy : सिलवटे पड़ी है...: सिलवटे पड़ी है, अब भी उस चादर पे यादो का तकिया रखा है सिरहाने पे जिस पे तू कभी मेरी बाहों में होती थी जब मेरी नज़र तेरी नज़र से ...

सिलवटे पड़ी है...

सिलवटे पड़ी है, अब भी उस चादर पे
यादो का तकिया रखा है सिरहाने पे
जिस पे तू कभी मेरी बाहों में होती थी
जब मेरी नज़र तेरी नज़र से टकराती
खुद पे खुद तेरी पलकें झुक जाती थी
एक मीठी हंसी तेरे लबो पे छा जाती थी
कई वादे किये थे, कई कसमे खायी थी
साथ जीने मरने की रस्मे निभाई थी
संग चलना है मेरे तुम यही कहती थी
खफा ना होना मुझसे यही वादे लेती थी
आज मेरी किस्मत क्यों मजबूर हुयी है 
मेरी जान मुझसे क्यों दूर हुयी है ....
सिलवटे पड़ी है अब भी उस चादर पे
यादो का तकिया रखा है सिरहाने पे

Saturday, 17 August 2013

तलाश...

जिस की थी तलाश, 
वो तलाश आज मेरी पुरी हो गयी !
जो कभी थी गुमनाम राहे,
उन्हें आज मंजिल हासिल हो गयी!
छट गया सारा अँधेरा,
एक नयी रोशनी शामिल हो गयी!
टूटा था जो होंसला जीने का,
उसे मुक़र्रर ज़िन्दगी हो गयी!
जर्जर थे जो ख्वाब,
उनकी एक मेहरम सी हो गयी! 
बासी पड़ी थी ज़िन्दगी,
तेरे मिलने के बाद ताज़ी हो गयी!
जिस की थी तलाश, 
वो तलाश आज मेरी पूरी हो गयी!


Thursday, 15 August 2013

मै एक पल के लिये

मै एक पल के लिये, वो रूह बन जाऊ 
जो देश पे मर मिटे, वही हुबहू बन जाऊ 
एक बार मेरी नसों में भी वही लहू दौड़े 
फिर से वही जज्बा मेरे रौंगटे खड़े करे 
मेरी आँखों में फिर से वही शर्म भर दे 
मेरी ये ज़िन्दगी माये अपने नाम कर ले 
मेरी दिल की ये तमन्ना तू पूरी कर दे 
मै एक पल के लिये, वो रूह बन जाऊ 
जो देश पे मर मिटे, वही हुबहू बन जाऊ