Saturday, 17 August 2013

तलाश...

जिस की थी तलाश, 
वो तलाश आज मेरी पुरी हो गयी !
जो कभी थी गुमनाम राहे,
उन्हें आज मंजिल हासिल हो गयी!
छट गया सारा अँधेरा,
एक नयी रोशनी शामिल हो गयी!
टूटा था जो होंसला जीने का,
उसे मुक़र्रर ज़िन्दगी हो गयी!
जर्जर थे जो ख्वाब,
उनकी एक मेहरम सी हो गयी! 
बासी पड़ी थी ज़िन्दगी,
तेरे मिलने के बाद ताज़ी हो गयी!
जिस की थी तलाश, 
वो तलाश आज मेरी पूरी हो गयी!


Thursday, 15 August 2013

मै एक पल के लिये

मै एक पल के लिये, वो रूह बन जाऊ 
जो देश पे मर मिटे, वही हुबहू बन जाऊ 
एक बार मेरी नसों में भी वही लहू दौड़े 
फिर से वही जज्बा मेरे रौंगटे खड़े करे 
मेरी आँखों में फिर से वही शर्म भर दे 
मेरी ये ज़िन्दगी माये अपने नाम कर ले 
मेरी दिल की ये तमन्ना तू पूरी कर दे 
मै एक पल के लिये, वो रूह बन जाऊ 
जो देश पे मर मिटे, वही हुबहू बन जाऊ